नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि सरकार भारत को वास्तविक मायनों में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में काम कर रही है। अमिताभ कांत ने मंगलवार को उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार विशेष रूप से निर्यात पर ध्यान दे रही है।
कार्यक्रम के दौरान नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने से संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का विस्तार अधिक क्षेत्रों तक करने के लिए अपनी योजनाओं को अंतिम रूप दे रही है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब खुद को अलग-थलग करना नहीं है, बल्कि देश की विनिर्माण ताकत का इस्तेमाल कर प्रमुख वैश्विक निर्यातक बनना है। अमिताभ कांत ने कहा कि निवेश और नवोन्मेषण से भारत में विनिर्माण बढ़ेगा। देश और कंपनियां अपनी विनिर्माण रणनीतियों का नए सिरे से आकलन कर रही हैं, जो देश की बढ़ोतरी में योगदान का एक नया मार्ग हो सकता है। कांत ने कहा कि मोबाइल और चुनिंदा इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से जुड़ी PLI Scheme का सीधी और परोक्ष नौकरियों पर कई गुना प्रभाव देखने को मिलेगा।
कांत ने कहा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को एक उदाहरण के तौर पर लिया जाए तो फार्माश्यूटिकल, मेडिकल उपकरणों के लिए भी ऐसी ही योजनाएं शुरू की गई हैं। अब हम ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, फूड प्रोसेसिंग, एडवांस केमिस्ट्री और सोलर पीवी मैन्युफैक्चरिंग के लिए योजनाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। सरकार ने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना को अधिसूचित किया है।
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत अपनी मजबूती वाले क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण चैंपियनों को आगे लाने की मंशा रखता है। उन्होंने कहा कि 2025 तक विनिर्माण के जरिये मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र देश के निर्यात लक्ष्य की अगुवाई करेंगे।