प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी: अद्य स्व आकाशवाणी कार्यक्रम मनस्य वार्ताया देशवासिभि: स्व विचारम् अंशयत् ! इति कालम् प्रधानमंत्री: सर्वात् प्रथम देशवासिनां विजयादशमीस्य शुभशयः अददात् ! सः अकथयत् अद्य विजयादशमीस्य पर्वमस्ति इति अवसरे भवतः बहु शुभषयानि !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों से अपने विचार साझा किए ! इस दौरान पीएम ने सबसे पहले देशवासियों को दशहरे की शुभकामना दी ! उन्होंने कहा आज दशहरे का पर्व है इस अवसर पर आपको ढेर सारी शुभकामनाएं !
इयम् संकटेषु धैर्यस्य पर्वमस्ति ! यत् युद्धम् वयं युद्धामः, तस्मिन् विजयमपि निश्चितमस्ति ! पूर्व दुर्गा पंडालेषु समागम यथा अवसरम् भव्यते स्म तु इतिदा इदृशं नास्ति ! पूर्वम् विजयदशमीस्य समागमेषु अपि सम्मर्द: एकत्रितयते स्म तु इतिदा अवसरम् भिन्नं अस्ति ! अग्रम् शरद पूर्णिमा, दीपावली, छठ पूजनम्, भाई दूज इत्यादि सन्ति ! कोरोनायाः काले वयं मर्यादायामैव वसनस्ति !
यह संकटों पर धैर्य का पर्व है ! जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी तय है ! पहले दुर्गा पंडालों में मेले जैसा माहौल हो जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है ! पहले दशहरा के मेलों पर भी भीड़ जुट जाती थी लेकिन इस बार माहौल अलग हैं ! आगे शरद पूर्णिमा, दीवाली, छठ पूजा, भाई दूज आदि हैं ! कोरोना के काल में हमें मर्यादा में ही रहना है !
कृषि क्षेत्रेण युवा अपि सम्मिलयते ! कृषि क्षेत्रे नव संभवानानि उत्पद्यन्ते ! कृषि विधेन संस्थानानि साधु लाभम् भवति ! नव कृषि विधेन कृषि क्षेत्रे नव सम्भवनानि उत्पद्यन्ते ! पुलवामायाः उखु पेंसिल इत्यस्य पुलवमयाः जनानि केचन नव कृतस्य निर्णयत् ! पेंसिल इत्यस्य काष्ठे पुलवामायाः स्व परिचयमस्ति ! कश्मीर घाटी ९० प्रतिशत पेंसिल इत्यस्य काष्ठस्य पूर्तिम् करोति !
कृषि क्षेत्र से युवा भी जुड़ने लगे हैं ! कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं ! कृषि कानूनों से कंपनियों को अच्छा फायदा हो रहा है ! नए कृषि कानूनों से कृषि क्षेत्र में नई संभवनाएं पैदा हो रही हैं ! पुलवामा का ऊखु पेंसिल के पुलवामा के लोगों ने कुछ नया करने की ठानी है ! पेंसिल की लकड़ी में पुलवामा की अपनी पहचान है ! कश्मीर घाटी 90 प्रतिशत पेंसिल की लकड़ी की पूर्ति करती है !
मम प्रिय देशवासिनि, सरदार पटेल: स्व पूर्ण जीवनम् देशस्य एकजुटताय समर्पितं कृतवान ! सः भारतीय जनमानसम्, स्वतंत्रता आन्दोलनेन संलग्न्यत् ! सः स्वतंत्रताया सह कृषकानां प्रकरणानि संलग्न्यस्य कार्यम् कृतवान ! सः नृपानि-नृपगृहानि अस्माकं राष्ट्रेन सह एकीकृतस्य कार्यम् कृतवान ! ते विविधतायाम् एकतायाः मंत्रम् प्रत्येक भारतीयस्य हृदये जाग्रयति स्म !
मेरे प्यारे देशवासियो, सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया ! उन्होंने भारतीय जनमानस को, स्वतंत्रता आन्दोलन से जोड़ा ! उन्होंने आजादी के साथ किसानों के मुद्दों को जोड़ने का काम किया ! उन्होंने राजे-रजवाड़ो को हमारे राष्ट्र के साथ एक करने का काम किया ! वे विविधिता में एकता के मंत्र को हर भारतीय के मन में जगा रहे थे !
गीतायाम् अकथ्यते न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते अर्थतः, ज्ञानेन समम्, संसारे केचनमपि पवित्रम् न सन्ति ! अहम् ज्ञानस्य प्रसृतम्, इदृशं साधु प्रयासितम्, सर्वाणि महानुभावानां हृदयेन अभिनंदनम् करोमि ! मम प्रिय देशवासिनि, केचनैव दिवसानि उपरांत सरदार वल्लभ भाई पटेल महोदयस्य जन्म जयंती ३१ अक्टूबर इतम् वयं सर्वाणि राष्ट्रीय एकता दिवसस्य रूपे मानयिष्यन्ति ! अहम् सरदार पटेले विस्तारेण वार्ताम् कृतमस्ति !
गीता में कहा गया है न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते अर्थात, ज्ञान के समान, संसार में कुछ भी पवित्र नहीं हैं ! मैं ज्ञान का प्रसार करने वाले, ऐसे नेक प्रयास करने वाले, सभी महानुभावों का हृदय से अभिनंदन करता हूँ ! मेरे प्यारे देशवासियो, कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती 31 अक्टूबर को हम सब राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाएंगे ! मन की बात में पहले भी हमने सरदार पटेल पर विस्तार से बात की है !
सखानि तु भवतः इयम् ज्ञायित्वा प्रसन्नतां भविष्यन्ति तत सम्पूर्ण भारते अनेकम् जनः सन्ति येन ज्ञानस्य प्रसारेण अतीव प्रसन्नतां प्राप्यति ! इयम् तत् जनाः सन्ति तत प्रत्येक कश्चित पठनाय प्रेरितमसि ! इदृशैव अस्ति मध्य प्रदेशस्य एका शिक्षिका, सिंगरौलीया: वासिन् ऊषा दूबे, यः विद्यालयं मोबाइल लाइब्रेरी इत्ये परिवर्तयते !
साथियों लेकिन आपको ये जानकार खुशी होगी कि पूरे भारत में अनेक लोग हैं जिन्हें ज्ञान के प्रसार से अपार खुशी मिलती है ! ये वो लोग हैं जो हमेशा इस बात के लिए तत्पर रहते हैं कि हर कोई पढ़ने के लिए प्रेरित हो ! ऐसी ही हैं मध्य प्रदेश की एक शिक्षिका,सिंगरौली की रहने वाली ऊषा दुबे, जिन्होंने स्कूल को मोबाइल लाइब्रेरी में बदल दिया है !
सा प्रतिदिनम् स्व भ्रमणतम् पुस्तकालयेन सह कश्चित न कश्चित ग्रामे प्राप्तयते तत्र च् बालकानि पाठ्यति ! बालकाः सा प्रेमेण पुस्तकानि दीदी इति कथयित्वा आहूयते ! इयम् लाइब्रेरी इति सप्तानि दिवसानि, चतुर्विंशतानि घटकानि उत्कीलिते ! आर्श्वस्य-पार्श्वस्य अभिभावकानि इयम् दृष्ट्वा बहु प्रसन्नम् सन्ति, तत तेषां बालका: पुस्तकं पठने संलग्न: ! विशेषं तत् कालम् यदा विद्यालयानि अपि ऑनलाइन क्लास इति प्रारम्भयते !
वे प्रतिदिन अपने चलते-फिरते पुस्तकालय के साथ किसी न किसी गाँव में पहुँच जाती हैं और वहाँ बच्चों को पढ़ाती हैं ! बच्चे उन्हें प्यार से किताबों वाली दीदी कह कर बुलाते हैं ! ये लाइब्रेरी सातों दिन, चौबीसों घंटे खुली रहती है ! आस-पड़ोस के अभिभावक यह देखकर काफी खुश हैं, कि उनके बच्चे किताब पढ़ने में जुटे हैं ! खासकर उस समय जब स्कूलों ने भी ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दी हैं !
तत्रैव चंडीगढ़े एकम् एनजीओ इति चालकम् संदीप कुमार महोदयः एकम् लघु वाहने मोबाइल लाइब्रेरी इति अनिर्मयत्, अस्य माध्यमेन निर्धनानि बालकानि पठनाय प्रतियोगी परीक्षाणां तत्परतां छात्रेभ्यः बहु सहाय्यमस्ति ! इयम् संस्था १९७५ तमेन कार्यम् करोति इयम् च् ५००० पुस्तकै: सह १४० तः अधिकम् पत्रिकानि उप्लब्धयति !
वहीं चंडीगढ़ में एक एनजीओ चलाने वाले संदीप कुमार जी ने एक मिनी वैन में मोबाइल लाइब्रेरी बनाई है, इसके माध्यम से गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए मुफ्त में बुक्स दी जाती हैं ! यह संस्था प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार है ! यह ट्रस्ट 1975 से काम कर रहा है और ये 5,000 पुस्तकों के साथ 140 से अधिक मैगजीन उपलब्ध कराता है !
मम प्रिय देशवासिनि अद्य यदा अहम् लोकल इत्याय वोकल इति भवन्ति तर्हि विश्वमपि अस्माकं लोकल प्रोडक्ट इत्यस्य फैन इति भवति ! अस्माकं बहु स्थानीय उत्पादेषु ग्लोबल इति भवस्य बहु वृहद शक्तिमस्ति ! यथा एकम् उदाहरणमस्ति खादीस्य ! स्वास्थस्य दृष्टेन इयम् बॉडी फ्रेंडली फेब्रिक इति अस्ति, आल वेदर फेब्रिक इति अस्ति अद्य च् खादी फैशन स्टेटमेंट इति तर्हि निर्मतैव !
मेरे प्यारे देशवासियों आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे लोकल प्रोडक्ट्स की फैन हो रही है ! हमारे कई स्थानीय उत्पादों में ग्लोबल होने की बहुत बड़ी शक्ति है ! जैसे एक उदाहरण है खादी का ! स्वास्थ्य की दृष्टि से ये बॉडी फ्रेंडली फेब्रिक है, आल वेदर फेब्रिक है और आज खादी फैशन स्टेटमेंट तो बन ही रही है !
खादीस्य प्रसिद्धि तर्हि बर्धतैव, सहैव,विश्वे बहु स्थानम्, खादी निर्मयतैपि ! मेक्सिको इत्ये एकम् स्थानमस्ति ओहाका ! इति क्षेत्रेषु बहु ग्रामाणि इदृषमस्ति, यत्र स्थानीय ग्रामीण, खादी तंतुवाप्यस्य कार्यम् करोति ! अद्य अत्रस्य खादी ओहाका खादीस्य नामेन प्रसिद्धम् अभव्यते !
खादी की पॉपुलरटी तो बढ़ ही रही है, साथ ही, दुनिया में कई जगह, खादी बनाई भी जा रही है ! मेक्सिको में एक जगह है ओहाका ! इस इलाके में कई गाँव ऐसे है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है ! आज यहाँ की खादी ओहाका खादी के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है !
वयं गृहे एकम् दीपम् भारत मातृ: इति शौर्यवान पुत्रानां-जायानां सम्मानैपि प्रज्वल्लनमस्ति ! अहम् स्व शौर्यवान युवाभि: अपि कथनं इच्छामि तत भवान् वस्तुतैव सीमायाम् सन्ति, तु सम्पूर्ण देश भवद्भिः सह सन्ति, भवते कामना करोति ! अहम् तानि कुटुंबानां त्यागमपि नमनम् करोमि येषां पुत्रा:-जाया: सीमायाम् सन्ति ! प्रत्येक सः जनः यत् देशेन संलग्न कश्चित न कश्चित जिम्मेवारिसि कारणेन स्व गृहे नास्ति, स्व कुटुंबात् द्रुतमस्ति अहम् हृदयेन तस्य अभारम् ज्ञापयामि !
हमें घर में एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है ! मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूँ कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है ! मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूँ जिनके बेटे-बेटियाँ आज सरहद पर हैं ! हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी-न-किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है मैं हृदय से उसका आभार प्रकट करता हूँ !
सखानि, वयं स्व तानि शौर्यवान सैनिकानि अपि स्मरयते, यत् इति उत्सवेषु अपि सीमायाम् अडिगम् सन्ति ! भारत मातु: सेवां सुरक्षाम् च् लॉकडाउन इत्ये वयं, समाजस्य तानि सखानि निकषेन च् ज्ञेयम् अयस्य अस्माकं जीवनम् बहैव कठिनम् भव्यते ! स्वच्छकार, गृहे कार्यम् कृतं भातृ भगिनी, लोकल इति शाक विक्रेता, दुग्ध विक्रेता, सुरक्षा कर्मी, अस्य सर्वानां अस्माकं जीवने का स्थानमस्ति ! इयम् वयं सर्वाणि अनुभवं कृतवान !
साथियो, हमें अपने उन जाबाज़ सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं ! भारत-माता की सेवा और सुरक्षा लॉकडाउन में हमने, समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है जिनके बिना हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल हो जाता है ! सफाई कर्मचारी, घर में काम करने वाले भाई बहन, लोकल सब्जी वाले, दूध वाले, सिक्योरिटी गार्ड इनका सबका हमारे जीवन में क्या रोल है ! ये हम सबने महसूस किया है !
वयं तानि स्मरण कृत्वा एव स्व उत्सवम् मान्यते ! सम्प्रति स्व पर्वेषु, स्व उल्लासेषु अपि, वयं एतानि सह धारयन् ! मम आग्रहमस्ति तत यथापि सम्भवमसि, येन स्व उल्लासेषु अवश्यम् सम्मिलयतु ! कुटुम्बस्य सदस्यम् भांति कारयतु, पुनः भवान् पश्यतु, भवतः उल्लासम्, कति बर्ध्यते ! इति सर्वस्य अस्माकं जीवने का स्थानम् अस्ति, वयं सम्प्रति स्पष्ट रूपेण अनुभवं कृतवान ! कटु काले इयम् भवते सहासीत्, वयं सर्वानां सहासीत् !
हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं ! अब अपने पर्वों में, अपनी खुशियों में भी, हमें इनको साथ रखना है ! मेरा आग्रह है कि जैसे भी संभव हो, इन्हें अपनी खुशियों में जरुर शामिल करिये ! परिवार के सदस्य की तरह करिये, फिर आप देखिये, आपकी खुशियाँ, कितनी बढ़ जाती हैं ! इन सबका हमारे जीवन में क्या रोल है, हमने अब भली-भांति महसूस किया है ! कठिन समय में ये आपके साथ थे, हम सबके साथ थे !
उत्सवानां इयम् उल्लासम् आपणस्य च् दीप्ति एकम्-द्वितीयेन संलग्न्यते ! तु इतिदा यदा भवान् क्रीणियतुम् गतवान तर्हि वोकल फॉर लोकल इत्यस्य स्व संकल्पम् अवश्य स्मरयतु ! आपणेन वस्तूनि क्रीणियतुम् कालम्, वयं स्थानीय उत्पादानि प्राथमिकतां दीयतम् ! सखानि उत्सवानां इति हर्षोल्लासस्य मध्ये लॉकडाउन इत्यस्य कालमपि स्मरणीय !
त्योहारों की ये उमंग और बाजार की चमक, एक-दूसरे से जुड़ी हुई है ! लेकिन इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो वोकल फॉर लोकल का अपना संकल्प अवश्य याद रखें ! बाजार से सामान खरीदते समय, हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है ! साथियों त्योहारों के इस हर्षोल्लास के बीच में लॉकडाउन के समय को भी याद करना चाहिए !