26.1 C
New Delhi

क्या इस बार चीन को ‘आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक’ से ध्वस्त करेगा भारत?

Date:

Share post:

पिछले दिनों लद्दाख में LAC पर चीनी सेना द्वारा प्रायोजित हमले में 20 भारतीय जवान बलिदान दे गए, साथ में वे अपने से दुगनी संख्या में चीनी सैनिको को भी मार गए, तत्पश्चात भारत और चीन के बीच माहौल अत्यंत ही तनावपूर्ण हो गया है । दोनों ही देश की सेना और सरकारों ने हमेशा की तरह सुलह सफाई का कार्य किया, शुरुआत में ये एक रूटीन प्रोसेस ही लग रहा था, जैसा हमेशा होता आया है,६२ के युद्ध के बाद ही ऐसी घटनाओ पर एक ख़ास तरह का प्रोटोकॉल इस्तेमाल किया जाता था, जिसमे दोनों देशो की सरकारें de-escalation करने पर ध्यान देती थी, और फिर कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जाती थी, फिर से चीन के दुस्साहस का इंतज़ार किया जाया करता था।

लेकिन इस बार स्थिति काफी अलग है, खासकर भारत सरकार और भारतीय जनमानस के सोचन समझने के तरीके में फर्क दिख रहा है,वहीं इस बार सरकार और जनमानस के कदम भी हमेशा से अलग ही प्रतीत हो रहे हैं, ऐसा लग रहा है की शायद अब भारत ने ये सोच लिया है की ‘बस अब और नहीं’

पहले क्या होता था?

पहले ऐसी किसी स्थिति में भारत सरकार चुप रहती थी, सड़क से संसद में थोड़ा हल्ला गुल्ला मचता था, चीनी सामानो को प्रतिबंधित करने की सुगबुगाहट होती थी, लेकिन कुछ ‘ठोस’ कभी नहीं होता था , लेकिन इस बार भारत के तेवर बदले हुए है।

भारत सरकार ने इस बार क्या किया?

  1. भारत सरकार ने कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से चीन की कंपनियों को दिए हुए ठेके रद्द कर दिए है।
  2. भारत सरकार ने 59 चीनी ऍप्लिकेशन्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया है
  3. सरकार ने चीनी सामानो का आयात कम करने का अभियान शुरू कर दिया है, ‘लोकल के लिए वोकल’ का नारा तो स्वयं प्रधानमंत्री जी ने दिया है
  4. सरकार ने बीएसएनएल,MTNL के कॉन्ट्रैक्ट से चीनी कंपनियों को निकाल बाहर किया है, कल ही BSNL के 4G के टेंडर को रद्द किया गया है, अब इसे वापस से लाया जाएगा और इसमें चीनी कंपनियों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा, यहाँ तक की उन कंपनियों को भी मौका नहीं मिलेगा जिनके जॉइंट वेंचर चीन की किसी कंपनी के साथ हो चुके है।
  5. चीन से आयात किये गए अरबो के सामान इस समय भारत के अलग अलग बंदरगाहों पर क्लीयरेंस के लिए अटके हुए है।
  6. पिछले 2 ही महीनो में भारत और चीन का ट्रेड डेफिसिट भी कम हो गया है। 

इन सभी कदमो से चीन का सरकारी नियंत्रण वाला मीडिया कुपित हो गया है, वो अलग प्रोपेगंडा चला रहे हैं और भारत को समझाने की भी कोशिश कर रहे हैं, और साथ ही साथ धमकी भी दे रहे है। ऐसा लगता है की चीन को भी एक लग गया है कि इस बार बात हाथ से निकल चुकी है, और भारत के अभूतपूर्व आक्रामक कदमो से चीन में भी घबराहट है

भारत में अभी भी कुछ चीन से सहानुभूति रखने वाले लोग इन कदमो को मज़ाक समझ रहे हैं, और कह रहे हैं कि चीन को इन कदमो से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, लेकिन सच्चाई इसके एकदम विपरीत है, इसे समझने के लिए हमे चीन की मानसिकता को समझना पड़ेगा। चीन एक ऐसा देश है जो ‘एक इंच’ जमीन को भी छोड़ने को तैयार नहीं होता, ये एक ऐसा देश है जिसमे प्रतिस्पर्धा कि भावना काफी ज्यादा है, लोगो के मन में ये धारणा भरी गयी है कि वे सर्वश्रेष्ठ हैं, और दुनिया में उनसे बेहतर कोई नही।

चीन इस समय दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर है, वहीं भारत दुनिया के सबसे बड़े बाज़ारो में से है, जहाँ हर तरह के सामान की डिमांड सहज सुलभ है, इसी वजह से पिछले 15 सालो में चीन ने कदम दर कदम भारत के मार्केट पर कब्ज़ा किया। छोटे मोटे खिलौने से लेकर हाई एन्ड टेक्नोलॉजी गैजेट्स तक, हाथ पंखे से लेकर सड़कें, मेट्रो बनाए तक ,पिछले 15 सालो में चीन ने हर क्षेत्र में कब्ज़ा किया है, और इसके पीछे चीनी मानसिकता ही है, ये नाम मात्र की मार्जिन पर उच्च क्वालिटी और फिनिश का सामान बेचते हैं और इसी वजह से प्रतिस्पर्धा को ख़त्म कर देते है। इसी वजह से पिछले 15 सालो में चीन से भारत को आयात कई गुना बढ़ गया और हमारा ट्रेड डेफिसिट भी कई गुना बढ़ गया, ये स्थति चीन के पक्ष में थी और आगे भी रहनी थी, लेकिन चीन की एक गलती ने सब खेल बिगाड़ दिय।

अगर हम चीन कि एंड्राइड एप्लीकेशन के बारे में ही बात करें, तो यहाँ ये समझने वाली बात है कि चीन की सभी ऍप्लिकेशन्स भारत में काफी प्रसिद्ध हैं, अगर Google Playstore और Apple Appstore की ही बात करें, तो भारत में इस्तेमाल की जाने वाली 200 सबसे प्रसिद्ध एप्लीकेशन में चीन का हिस्सा 40 प्रतिशत से ज्यादा है। 

यही नहीं, अगर हम टिकटोक की ही बात करें, तो पूरी दुनिया में भारतीय लोग ही इस एप्लीकेशन पर सबसे ज्यादा समय गुजारते हैं, ये समय इतना ज्यादा है कि भारत के बाद के 11 देशो के नागरिको के बिताये हुए कुल समय से भी ज्यादा है , है ना हैरानी की बात?

अगर यही बात चीन की फोन कंपनियों के बारे में कहें, तो आप हैरान रह जाएंगे ये जानकर की भारत का 75% से ज्यादा मार्किट चीन की कंपनियों ने कब्जा रखा है।  और अभी तो हमने इंफ्रास्ट्रक्चर, टेलीकॉम, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स आदि की बात ही नहीं की ।

इन सभी कंपनियों का भारत से सालाना बिज़नेस हजारो करोड़ रूपए का है, और अगर भारत इन सभी कदमो को कढ़ाई से लागू करता है तो ये तो तय मानिये कि चीन को एक बहुत बड़ा झटका लगने वाला है ।

भारत के एक्शन का Ripple Effect

सबसे बड़ी बात यह है कि आज भारत जो भी कर रहा है, इसके Ripple Effect भी देखने को मिल रहे हैं, अब अन्य देशो ने भी चीनी कंपनियों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। अमेरिका और पश्चिम के कई अन्य देश भी अब चीन के खिलाफ गुटबंदी करते नज़र आए रहे है। भारत ने ही अभी कई देशो से रक्षा सौदों को जल्दी निस्तारण करने कि बात कही, और लगभग सभी देशो ने भारत का समर्थन भी किय।  अमेरका ने तो अपने 3 बैटल carrier ग्रुप दक्षिण चीनी महासागर में पिछले कुछ हफ्तों से तैनात किये हुए हैं, वहीं फ़्रांस ने भी भारत को सैन्य सहयोग तक देने का आश्वासन दे दिया है । आने वाले समय में हम कई अन्य देशो, जैसे जापान, ऑस्ट्रेलिया, विएतनाम, ताइवान, इंडोनेशिया आदि द्वारा भी चीन के सामान का बहिष्कार होते हुए देखेंगे। 

चीन पिछले 4-5 सालों से पूरी दुनिया में अपनी 5G टेक्नोलॉजी को लेकर इतना हल्ला मचाया था कि क्या ही बताएं, चीन 5G के द्वारा दुनिया का टेक्नोलॉजी का सिरमौर बनना चाहता था, लेकिन कोरोना फैलाने और अब अपने पडोसी देशो के साथ ऐसे व्यवहार के कारण दुनिया में अपने लिए नकारात्मकता का माहौल चीन ने बना लिया है, और इसका काफी बड़ा खामियाज़ा चीन को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा। जहां अमेरिका ने चीन की Huawei और ZTE को देश के लिए खतरा बता दिया है , वहीं दूसरी और सिंगापुर जैसे कई देशो ने अपने यहाँ के 5G प्रोजेक्ट्स से चीनी कंपनियों को बाहर कर दिया है ।

यहां ये बात भी जानने लायक है कि चीन की सभी बड़ी कंपनियों में वहां की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बड़े नेताओं का किसी ना किसी तरह से दखल रहता है। इन कंपनियों को होने वाले नुकसान का सीधा प्रभाव कम्युनिस्ट पार्टी पर पड़ेगा, जिससे चीन में अंतर्विरोध शुरू हो जाएगा, और ये भी संभव है कि चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की कुर्सी को खतरा हो जाये।

हमे लगता है इस बार चीन का संहार किसी मिसाइल या Nuclear बम से नहीं होगा, बल्कि आर्थिक चोट से चीन को ध्वस्त किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Surrender is a Sign of Strength

Zelensky's surrender would be a sign of commonsense.

PM Modi warns about Congress’s EVIL ‘Wealth Redistribution to the Infiltrators’ idea, Why this idea will bring Doomsday for India?

A day after he triggered a political backlash by saying that a Congress government would distribute the nation’s...

PM Modi dropped a Political Bombshell, says ‘Congress will redistribute wealth to Muslim Infiltrators’

Prime Minister Narendra Modi, on April 21, dropped a Political bombshell, when he asserted that if the Congress...

Rohingya Terrorist groups holding over 1600 Hindus and 120 Buddhists hostage in Myanmar

In what seems to echo the 2017 massacre of Hindus by Rohingya terror groups in Myanmar's Rakhine state,...