16.1 C
New Delhi

शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता

Date:

Share post:

नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन को लेकर भारत की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को बड़ा फैसला दिया है। शाहीन बाग में तीन महीने से ज्यादा चले इस प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि, सार्वजनिक जगहों पर अनिश्चितकाल तक प्रदर्शन नहीं हो सकता है चाहे वो शाहीन बाग हो या कोई और जगह। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता। बता दें कि, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने यह फैसला सुनाया।

सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन, कानून में इसकी इजाजत नहीं- कोर्ट

शाहीन बाग में CAA के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है। केवल तय स्थानों पर ही प्रदर्शन होना चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा कि आवागमन का अधिकार अनिश्चितकाल तक रोका नहीं जा सकता। प्रदर्शनकारियों के सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन लोगों के अधिकारों का हनन है। कानून में इसकी इजाजत नहीं है।

सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता- कोर्ट

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है लेकिन उन्हें निर्धारित क्षेत्रों में होना चाहिए। संविधान विरोध करने का अधिकार देता है लेकिन इसे समान कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि प्रशासन को रास्ता जाम कर प्रदर्शन रहे लोगों को हटाना चाहिए, कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए।

फरवरी में दाखिल हुई थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उस याचिका पर आया है, जब अधिवक्ता अमित साहनी ने फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शनकारियों द्वारा बंद कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को खोलने की मांग की थी। बता दें कि, प्रदर्शनकारियों ने करीब सौ दिनों तक कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को बंद रखा था, जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतें हुईं थीं।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि, पिछले साल दिसंबर 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने संसद से नागरिकता संशोधन कानून पास कराया था, जिस पर देश के कई हिस्सों में काफी बवाल हुआ था। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया। नागरिकता संशोधन कानून को धर्म के आधार पर बांटने वाला बताकर पूरे देशभर में आंदोलन हुए। दिल्ली के शाहीन बाग में दिसंबर से मार्च तक सड़कों पर प्रदर्शन चला था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली में धारा 144 लागू होने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

After Sambhal, Varanasi, now Bareilly and Aligarh… where have the Mandirs been found closed so far?

In many cities of Uttar Pradesh, closed or illegally occupied temples are being found. This trend that started...

Germany Christmas Market Attack – Over 10 dead after a Saudi Fugitive drove his car into crowd

At a Christmas market in the German city of Magdeburg, a car drove into a crowd of people....

Arakan Army in western Myanmar claims to have captured a major regional army headquarters

A powerful ethnic armed group in western Myanmar claimed Friday to have scored a major victory in the...

‘Trudeau failed in the biggest job’, says Jagmeet Singh as NDP set to vote to bring Trudeau government down

In what comes as a major setback for Canadian PM Justin Trudeau, his former ally Jagmeet Singh of...