Home News 30 अक्टूबर 1990: मुस्लिम समाज को लुभाने के लिए मुलायम सिंह...

30 अक्टूबर 1990: मुस्लिम समाज को लुभाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में हजारों राम भक्तों को गोलियों से छलनी कर दिया।

0

कई लोग श्री नरेंद्र मोदी जी को कोसते है कि उन्होंने गोधरा कांड में कई मुसलमानो को मारा था लेकिन यह हम सभी अच्छी तरह जानते है कि गोधरा कांड की शुरुवात कैसे हुई थी |

 एक सोची समझी साजिश के तहत यह सब किया गया था और इसके बाद जो हुआ वो इतिहास में दर्ज हो गया गोधरा कांड के बाद ही श्री नरेंद्र मोदी जी की छवि बदली थी और वो एक जबरदस्त नेता के रूप में उभरे थे जिन्होंने जिहादियों को सबक सिखाया था |

लेकिन एक और किस्सा है जिसमे हिन्दुओ का नरसंहार हुआ था लेकिन दुःख इस बात का है आज तक हिन्दुओ को न्याय नहीं मिला उस जघन्य कांड का | 

30 अक्टूबर 1990 को आज ही के दिन मुलायम सिंह यादव ने कारसेवको पर गोलियां चलाने का आदेश दिया था, आज ही का दिन था जब मासूम और निहत्थे हिन्दुओ को बर्बरता पूर्वक  मारा गया था |

30 अक्टूबर 1990 अयोध्या के आंदोलन के सबसे अहम पड़ावों में से एक था | 1987 में विवादित स्थल का ताला खोले जाने के बाद से ही लगातार अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग जोर पकड़ रही थी |

राम मंदिर आंदोलन के बहाने 2 सीट से 85 सीट पर पहुंचने वाली बीजेपी और उसके तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी इस मुद्दे को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते थे | लालकृष्ण आडवाणी ने संतों के इस आंदोलन को बीजेपी का आंदोलन बताते हुए रथयात्रा शुरू कर दी | यानी मंदिर आधिकारिक तौर पर अब चुनावी मुद्दा हो गया |

 दूसरी ओर संत भी इस आंदोलन को छोड़ना नहीं चाहते थे और अयोध्या में कारसेवा की तारीख रखी गई 30 अक्टूबर 1990 |

यह वो दौर था जब देश में सभी के मन में श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए एक ज्वाला धधक रही थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने पहले ही कह दिया था कि ” परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा ” |

जिस तरह बेरहमी से कारसेवको को मारा गया था उससे ब्रिटिश काल के जलियावालां बाग कांड याद आ गया किस तरह जनरल डायर ने मासूम और निहत्थे लोगो को मार दिया था |

वैसा ही क्रूर काम मुलायम सिंह यादव द्वारा किया गया और सबसे बड़े दुःख की बात तो यह है कि उसके बाद भी कई बार चुनावो में समाजवादी पार्टी को लोगो ने वोट देकर सत्ता में पहुंचाया आखिर हिन्दुओ के एकजुट नहीं होने के कारण ही आज तक मुलायम सिंह यादव जैसे लोग अपनी राजीनीति की गन्दी दुकान चला रहे है |

मुलायम सिंह यादव ने इस क्रूर और कायराना हरकत के लिए कोई दुःख प्रकट नहीं किया बल्कि उन्होंने यह सब मुसलमानो को खुश करने के लिए किया था भले ही बयान दिया था कि अगर गोली नहीं चलाते तो मुसलमानो का देश से विश्वास उठ जाता |

लेकिन असल में सच्चाई तो यह है कि मुलायम सिंह यादव इसके बाद मुसलमानो के लिए एक नेता के रूप में उभरे और उसी के दम पर अपनी राजनितिक दुकान चलाते रहे और इसके बाद  से लोग उन्हें मुलायम के बदले मुल्ला मुलायम के नाम से कहने लगे  |

आजकल जो लोग यह आरोप लगाते है कि देश का माहौल ख़राब है देश रहने लायक नहीं है उन लोगो को पता होना चाहिए कि किस तरह हिन्दुओ के साथ ऐसा नरसंहार किया गया था |

हर साल मीडिया का एक वर्ग गोधरा कांड, बाबरी मस्जिद को याद करता है लेकिन कोई मीडिया वाला कभी इस नरसंहार के बारे में नहीं बताता ,कोई पार्टी का नेता भी इस पर अपना बयान नहीं देता है, न कोई बुद्दिजीवी वर्ग इस पर अपनी टिपण्णी करता है |

उस समय भी शायद ही किसी बुद्धिजीवी वर्ग ने शायद इसका विरोध किया होगा , शायद ही किसी ने अपना अवार्ड वापस किया होगा , शायद ही कोई भांड बॉलीवुड वाला आया होगा इसका विरोध करने, किसी ने भी न उस समय कुछ कहा और न आज कोई इसका विरोध कर रहा है |

हम सबको शायद इतिहास के बारे नहीं पता या शायद ही कोई जानना ही नहीं चाहता है कि क्या हुआ था उस समय में और इसी बात का फायदा उठा कर देशविरोधी ताकते सक्रिय रहती है और अपने झूठे अजेंडे से लोगो का ब्रेन वाश करती है  |

https://www.aajtak.in/india/uttar-pradesh/story/ayodhya-dispute-firing-karsevaks-mulla-mulayam-hanuman-garhi-571472-2018-11-02

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version