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किसानो के आए अच्छे दिन, मोदी सरकार ने दिलाई बिचोलियों कमिशनखोरो से मुक्ति, किसान बनेगें उद्यमी।

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Trunicle
Image source - Zee news

रविवार को हलषष्ठी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाख करोड़ रूपए का एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड लांच करते हुए कहा कि सरकार छोटे किसानो को पूरी तरह बिचौलियों और कमिशनखोरो से मुक्त करने में जुटी है। अब किसान भी उद्यमी बनेंगे। एग्री फण्ड भी इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसके माध्यम से किसान समूहों को वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, खाद से जुड़े उद्योग लगाने के लिए दो करोड़ तक का लोन मिलेगा | कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स को भी इसका लाभ मिलेगा | इस लोन के ब्याज पर सरकार की ओर से तीन फीसदी की रियायत मिलेगी |

प्रधानमंत्री चाहते है कि किसान उद्योगपति बने | उनके हाथ में ताकत आए | पिछले दिनों कई सुधार किए गए, जिसके तहत किसानो को छूट मिली कि वे अपना सामान किसी भी बाजार में बेंचे | आवशयक वस्तु अधिनियम से भी छूट मिली | अब जोर इस पर दिया जा रहा है कि वे कृषि उपज के संस्करण से भी सीधे जुड़ सकें | प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां पैदावार समस्या नहीं है, पैदावार के बाद फसल की बर्बादी समस्या है, किसानो को सही दाम न मिल पाना समस्या है |

अब किसान समूह गाँव में कोल्ड स्टोरेज बना सकेंगे और इसके लिए लोन की गारंटी सरकार लेगी | सरकार का पूरा जोर इस पर है कि किसान बिचौलिए मुक्त हो जाएं, कमीशन से मुक्त हो | प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर साढ़े आठ करोड़ किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 17 हजार करोड़ रूपए भी ट्रांसफर किए | हर किसान के खाते में दो हजार रूपए की छठी क़िस्त दी गई है | इस योजना को हलषष्टी के दिन मोदी जी ने इसलिए लांच किया क्योंकि हलषष्टी को भगवान बलराम जी जयंती होती है | किसान भगवान बलराम जी को पूजते है, हल की पूजा करके ही अपने कारोबार को चलाता है तो इस पवित्र दिन मोदी जी ने इस बड़ी योजना की घोषणा की |

इस योजना से देश में कृषि की जुडी सेवाएं तैयार करने की शुरुवात की गई है, किसानो की सबसे प्रमुख समस्या यही रही है कि उनको उचित मूल्य नहीं दिया जाता है उनकी फसल का, कभी फसल बर्बाद हो जाती है क्योंकि किसानो को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलती जैसे अन्न भंडारण की, कई बार देखा गया है कि बारिश के कारण अन्न बर्बाद हो जाता है |

कई बार बिचोलियो और कोल्ड स्टोरेज मालिकों द्वारा अन्न का संग्रहण किया जाता है और मार्केट में उसको ऊँचे दामों पर बेचा जाता है, लेकिन किसान को उसका मुनाफा नहीं दिया जाता, अब किसान खुद इस योजना से अपने गाँव में ही कोल्ड स्टोरेज, गोदामों का निर्माण कर उसमे अपनी फसल को सुरक्षित रख पाएंगे और सही कीमत पर उसको बेच बह सकेंगे, इससे किसानो में जो आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है उस पर रोक लगेगी और किसान को उसकी फसल का उचित मूल्य मिल जायेगा |

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