Home ट्रूnicle हिंदी - संस्कृतम् पश्चिम बङ्गे धर्मस्य ध्वजस्य सर्वात् उच्च वाहक तपन घोषस्य गोलोकम् प्रस्थान !...

पश्चिम बङ्गे धर्मस्य ध्वजस्य सर्वात् उच्च वाहक तपन घोषस्य गोलोकम् प्रस्थान ! अरुदत् राष्ट्रभक्तानि ! पश्चिम बंगाल में धर्म की ध्वजा के सबसे बड़े वाहक तपन घोष का गोलोक को प्रस्थान ! रुला गए राष्ट्रभक्तों को !

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यदा यदा धर्मस्य सत् इतिहास लिखिष्यति, तदा तदा तपन घोष तेषां सम्मानम् सम्मिलित भविष्यति ! घोष प्रथमे 1975 इतेन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघस्य प्रचारक: आसीत् ! उपरांते
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघस्य सह कति वैचारिक मतभेदस्य कारण 2008 इते सः हिन्दू समितिस्य गठनम् अकरोत् ! 2018 वर्षे सः हिन्दू समित्यपि अवमुक्तः !

जब जब धर्म का सच्चा इतिहास लिखा जाएगा, तब तब तपन घोष उसमे ससम्मान शामिल होगें ! घोष पहले 1975 से आर एस एस के प्रचारक थे ! बाद में आर एस एस के साथ कुछ वैचारिक मतभेदों के कारण 2008 में उन्होंने हिंदू समिति का गठन किया ! वर्ष 2018 में उन्होंने हिंदू समिति को छोड़ दिया !

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बंग यः प्रदेशम् अस्ति तत्रे बन्धुप्रेमस्य नामे जनाना: रोहिंग्या बंग्लादेशिनाम् च् समर्थन स्वच्छंद पश्यतु ! अत्रेन स्वच्छंद जिहाद इतिनाम् उद्घोष राहे कृतंति केन्द्रस्य सत्तास्य चुनौती ददँति कति अवसर कति जनाः आश्रिणोति ! अयम् यः प्रदेशम् अस्ति यत्रस्य मुख्यमंत्री स्वयम् अग्र बढ़ित्वा स्व राज्ये बी एस एफ सैनिकानाम् विरोधम् करोति ! अयम् यः प्रदेशम् अस्ति यत्रे केन्द्रस्य संस्था सी बी आई त्वन्निग्रहे निग्रणन्ति !

बंगाल वह प्रदेश है जहां पर भाईचारे के नाम पर लोगों ने रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पैरवी खुलेआम देखी है ! यहां से खुलेआम जिहाद के नारे सड़कों पर लगाते और केंद्र की सत्ता को चुनौती देते कई बार कई लोग सुनाई दिए हैं ! यह वह प्रदेश है जहां की मुख्यमंत्री खुद आगे बढ़कर अपने राज्य में बी एस एफ के जवानों की तैनाती का विरोध करती है ! यह वह प्रदेश है जहां पर केंद्र की संस्था सी बी आई को गिरफ्तार कर लिया जाता है !

अयम् यः स्थानम् अस्ति तत्र रामनवमी मान्यतुम् हिन्दुन्या: लट्ठ प्रहारम् भवति पुनः मुकदमा इति वा कृतवन्ति ! अयम् यः स्थानम् अस्ति यत्रे मदरसास्य बहु अनुदानम् ददाति ! अस्य प्रदेशे निर्वाचनस्य अवसरे बूथ कैप्चरिंग प्रतिनिधिनाम् हन्तु स्वछंदम् अवलोकयस्य मिलति ! अत्रे वमपंथीनाम् एकः दीर्घ समयेव अशासत् सम्प्रतिच् तदुपरांते वामपंथै: अग्र निःसृतिवान् ममता बनर्जी शासक: अस्ति ! सम्प्रति भवन्तौ कल्पंयन्ति इदानीं स्थानें हिन्दू हिन्दुत्वस्य च् वार्ता कृते कति काठिन्य कार्यम् इति भविष्यति, दिवगंत तपन घोष: अस्य काठिन्य कार्यम् स्व आत्म हस्ते गृहीत्वा अकरोत् !

यह वह जगह है जहां रामनवमी मनाने वाले हिंदुओं पर लाठी चार्ज होता है या फिर मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं ! यह वह जगह है जहां पर मदरसों को भारी अनुदान दिया जाता है ! इसी प्रदेश में चुनाव के दौरान बूथ कैपचरिंग और प्रतिनिधियों की हत्याएं खुलेआम देखने को मिलती है ! यहां पर वामपंथियों का एक लंबे समय तक शासन रहा और अब उसके बाद वामपंथियों से आगे निकल चुकी ममता बनर्जी शासक है ! अब आप कल्पना कर सकते हैं ऐसे स्थान पर हिंदू और हिंदुत्व की बात करना कितना मुश्किल कार्य रहा होगा, दिवंगत तपन घोष ने इस कठिन कार्य को अपनी जान हथेली पर रखते हुए किया !

स्व जीवनकाल रामनामीम् वस्त्र धारित्वा जय श्रीराम इति उद्घोष कृत्ये व्यतींति तपन घोषस्य बङ्गे हिंदुत्वम् रक्षणाय योगदानम् अनन्त कालैव इतिहासे अमरम् भविष्यति ! तपन घोष: अद्य अयम् लोकः मुक्तवा प्रभु श्रीरामस्य लोके प्रस्थानम् अकरोत् वरन् पश्च परित्यगत् स्व बहु चेत्सिहृदये एकः वृहद वेदना दु:खम् च् ! अस्यैव सह एकः वृहद प्रश्नापि उद्तिष्ठत अभवत् ! सम्प्रति पश्चिम्बंगे हिन्दूनाम् स्वर कः उदतिष्ठष्यति ! सेक्युलरिज्मस्य अंधड़े अस्य सत्कर्मम् कदा प्रमुखता न आदत्ते धर्मनिष्ठ हिन्दुनि एते सह कर्मणि दृष्ट:सम्प्रतिच् अस्य एकेकम् कार्यम् स्मृत्वा हिन्दू समाज भाव विह्वलम् सन्ति !

अपना जीवन काल रामनामी वस्त्र पहन कर जय श्रीराम के नारे लगाते हुए बिताने वाले तपन घोष का बंगाल में हिंदुत्व को विरोधियों की लहर में भी बचाने का योगदान अनंत काल तक इतिहास में अमर होगा ! तपन घोष ने आज यह लोक छोड़कर प्रभु श्रीराम के लोक में प्रस्थान किया है लेकिन पीछे छोड़ गए हैं अपने तमाम चाहने वालों के ह्रदय में एक भारी वेदना और पीड़ा ! इसी के साथ एक बड़ा सवाल भी खड़ा हुआ है ! अब पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की आवाज कौन उठाएगा ! सेक्युलरिज्म की आंधी में इनके सतकर्मों को कभी प्रमुखता नहीं दी गई पर धर्म निष्ठ हिंदुओं ने इनके साथ कर्मों को पहचाना और आज इनके एक-एक कार्य को याद करके हिंदू समाज भाव विह्वल है !

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