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हाथरस कांड: जेल में बंद आरोपियों ने एसपी को चिट्ठी लिखकर खुद को बताया बेकसूर

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उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में रोज नए दावे सामने आ रहे हैं। वहीं गुरुवार को हाथरस केस में अब एक नया एंगल सामने आया है। हाथरस कांड के सभी चारों आरोपियों ने जेल से SP को चिट्ठी लिखकर खुद को बेकसूर बताया है। केस के मुख्य आरोपी संदीप उर्फ चंदू ने अलीगढ़ जेल से हाथरस के एसपी को चिट्ठी लिखी है। संदीप ने खुद को और तीन अन्य आरोपियों को बेकसूर बताते हुए पीड़ित की मां और उसके भाई पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें बताया है कि आरोपियों और पीड़िता एक दूसरे के दोस्त थे, मिलते-जुलते थे। लेकिन पीड़िता के घरवालों को उनकी दोस्ती पसंद नहीं थी, इसलिए उन लोगों ने उसे मार डाला।

हाथरस एसपी को जेल से लिखे गए पत्र में आरोपियों लवकुश, रवि, रामकुरमार उर्फ रामू और संदीप उर्फ चंदू ने अपने अंगूठे भी लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके ऊपर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। उन्हें गलत ढंग से जेल में बंद किया गया है।

आरोपी संदीप ने लिखा, ‘‘मुझे 20 सितंबर को झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया है। मुझ पर आरोप लगाया कि गांव की लड़की के साथ गलत काम और मारपीट की गई थी, जिसकी बाद में मौत हो गई। इस झूठे केस में अलग-अलग दिनों में गांव के तीन अन्य लोगों लवकुश, रवि और रामू को जेल भेजा गया। वे मेरे रिश्ते में चाचा हैं। पीड़ित गांव की अच्छी लड़की थी, उससे मेरी दोस्ती थी। मुलाकात के साथ मेरी और उसकी कभी-कभी फोन पर भी बात होती थी, लेकिन हमारी दोस्ती उसके परिवार वालों को पसंद नहीं थी।’’

आरोपी ने आगे लिखा कि, ‘‘घटना के दिन उसकी और मेरी खेत पर मुलाकात हुई थी। उसके साथ मां और भाई भी थे। उनके कहने पर मैं अपने घर चला गया और पिताजी के साथ पशुओं को पानी पिलाने लगा। बाद में मुझे गांव वालों से पता चला कि मेरी दोस्ती को लेकर लड़की को उसकी मां और भाई ने मारा-पीटा था, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं, जिससे बाद में वह मर गई। मैंने कभी पीड़िता के साथ मारपीट और गलत काम नहीं किया। मामले में लड़की की मां और भाई ने मुझे और तीन अन्य लोगों को झूठे आरोप में फंसाकर जेल भिजवा दिया। हम सभी लोग निर्दोष हैं। कृपया, मामले की जांच कराकर हमें न्याय दिलाने की कृपा करें।’’

गौरतलब है कि, हाथरस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। उसे 7 अक्टूबर तक रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन एसआईटी को 10 दिन का और समय दिया गया है। वहीं, मामले पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। जिस पर 12 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ मामले की सीबीआई जांच के लिए सिफारिश कर चुके हैं।

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