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एकम् ईदृशम् ग्रामम् यत्र प्राप्ताय चलनम् भविष्यति चतुर्विंशति महातालस्य पदमार्गम् ! एक ऐसा गांव जहां पहुँचने के लिए तय करना होगा 24 किलोमीटर का पैदल रास्ता !

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अरुणाचल प्रदेशस्य मुख्यमंत्री पेमा खांडू: तवांग जनपदे स्व निर्वाचन क्षेत्रम् मुकटोस्य भ्रमणे आसीत्, यदा सः द्रुत स्थितस्य एकम् ग्रामस्य जनै: मेलनाय लगभगम् चतुर्विंशति महातालस्य यात्राम् एकादश घटकेषु पदयात्राम् पूरयत् !

अरुणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पेमा खांडू तवांग जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र मुकुटो के दौरे पर थे, जब उन्‍होंने दूरदराज के एक गांव के लोगों से मिलने के लिए लगभग 24 किलोमीटर की यात्रा 11 घंटे में पैदल पूरी की !

तवांगात् लगभगम् ९७ महातालस्य द्रुतम् इति लुगुथांग ग्रामेव प्राप्ताय सीएम पर्वतीय क्षेत्राणि बनेभ्यः च् भवित्वा संचारयते, कुत्रचित अत्रैव प्राप्ताय कश्चित वीथी न सन्ति !

तवांग से करीब 97 किलोमीटर दूर इस लुगुथांग गांव तक पहुंचने के लिए सीएम पहाड़ी इलाकों और जंगलों से होकर गुजरे, क्‍योंकि यहां तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है !

खांडू: गुरूवासरम् तवांग पुनरागमनस्य उपरांत ट्वीत अकरोत्, कारपु-ला तः (षोडश सहस्र पूर्णकाय) लुगुथांग (चतुर्दश सहस्र पंचशतम् पूर्णकाय) एवस्य दुर्गम यात्राम् ! तवांग जनपदस्य थिंग्बु तहसीले स्थित इयम् ग्राम समुद्र तलात् चतुर्दश सहस्र पंचशतम् पूर्णकायस्य उच्चै अस्ति, यत्र दशगृहेषु केवलम् अर्धशत् जनानाम् जनसंख्यामस्ति !

खांडू ने गुरुवार को तवांग लौटने के बाद ट्वीट किया, कारपु-ला (16,000 फीट) से लुगुथांग (14,500 फीट) तक की दुर्गम यात्रा ! तवांग जिले की थिंग्बु तहसील में स्थित यह गांव समुद्र तल से 14,500 फीट की ऊंचाई पर है, जहां 10 घरों में महज 50 लोगों की आबादी है !

सीएम अकथयत् तत सः लुगुथांगस्य ग्रामीनै: मेलनम् कृत अयम् सुनिश्चितम् कृतवान तत सरकारी योजनानां लाभ द्रुत स्थितस्य क्षेत्रेषु वसते अंतिम जनेवापि प्राप्यतु !

सीएम ने कहा कि उन्‍होंने लुगुथांग के ग्रामीणों से मुलाकात कर यह सुनिश्चित किया कि सरकारी योजनाओं का लाभ दूरदराज के इलाकों में रह रहे आखिरी शख्‍स तक भी पहुंचे !

इति ग्रामेव प्राप्ताय वीथी मार्गम् नास्ति कश्चितस्यापि च् अत्र प्राप्ताय करापु-ला पर्वतेन सह-सह बहु प्राकृतिक सरोवरस्यापि तरितं भवति !

इस गांव तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं हैं और किसी को भी यहां पहुंचने के लिए करापू-ला पहाड़ के साथ-साथ कई प्राकृतिक झीलों को भी पार करना होता है !

तवांगस्य विधायक त्सेरिंग ताशी:, ग्रामीणानि तवांग मठस्य भिक्षुकै: सह च् सीएम आगत दिवसम् जांगछुप स्तूपस्य प्रतिष्ठाने अंशम्नीयते ! यस्य निर्माण राज्यस्य पूर्व सीएम दोर्जी खांडूस्य नामे अक्रियते !

तवांग के विधायक त्‍सेरिंग ताशी, ग्रामीणों और तवांग मठ के भिक्षुओं के साथ सीएम ने अगले दिन जांगछूप स्तूप के प्रतिष्‍ठान में हिस्‍सा लिया, जिसका निर्माण राज्‍य के पूर्व सीएम दोर्जी खांडू के नाम पर किया गया है !

पेमा खांडूस्य पिता अरुणाचलस्य पूर्व सीएम वा दोर्जी खांडूस्य ३० अप्रैल २०११ तमम् तवांगात् इटानगर पुनरागमन कालम् लुगुथांग ग्रामस्य पार्श्व एकम् उदग्रविमानापघाते निधनम् अभवत् स्म !

पेमा खांडू के पिता व अरुणाचल के पूर्व सीएम दोर्जी खांडू का 30 अप्रैल 2011 को तवांग से इटानगर लौटते समय लुगुथांग गांव के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था !

सूत्रानुरूपमं गृह आगमनात् पूर्व सीएम अत्र एकम् ग्रामीणस्य गृहे द्वय रात्रौ न्यवसवान ग्रामे च् न्यवसते जनै: वार्ताम् अकरोत् ! लुगुथांगे बहवः भ्रमणशीलं याक पशुचारकः जनजातिस्य जनाः न्यवसन्ति !

सूत्रानुसार घर लौटने से पहले सीएम यहां एक ग्रामीण के घर में दो रातें रहे और गांव में रह रहे लोगों से बातचीत की ! लुगुथांग में ज्यादातर घुमंतू याक चरवाहा जनजाति के लोग रहते हैं !

यत् ऊष्णानां दिवसेषु हिमालयस्य उच्चतम् क्षेत्रेषु निवासम् कृते प्राप्यते, यद्यपि तेषां याकाय गवादनं उपलब्धम् भवशक्नोति, यद्यपि तीक्ष्णस्य शीतानां दिवसेषु ते निच्चै क्षेत्रेषु पुनरागच्छन्ति !

जो गर्मियों के दिनों में हिमालय की ऊंचाई वाले इलाकों में रहने पहुंच जाते हैं, जबकि उनके याक के लिए चारा उपलब्‍ध हो सके, जबकि कड़ाके की सर्दियों के दिनों में वे निचले इलाके में लौट आते हैं !

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