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सोनिया गांधी के नाम खुला पत्र

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Rahul Gandhi signing an agreement in 2008 in China with Sonia and Xi

To :श्रीमती सोनिया गांधी
Cc : श्री राहुल गांधी, श्रीमान मनमोहन सिंह जी

महोदया, 
ये पहला पत्र आपको लिख रहा हूँ, ये जानते हुए भी कि आपके ख़िलाफ़ कुछ भी लिखना यानी अपने ऊपर हमला या मुकदमेबाजी तक हो सकता है। 
परंतु मैं लिखूँगा, क्योंकि मैं एक स्वतंत्र और विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का एक नागरिक हूँ और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मेरा भी मौलिक अधिकार है।
कांग्रेस के शासनकाल देश में कितने घोटाले हुए और कितने विकास कार्य हुए ये किसी से भी छिपा नहीं है।
आप एक दूसरे देश से आईं तो भी इस देश की जनता ने और आपकी पार्टी के लोगों ने आपको सिर माथे पर बिठाया। आपके प्रधानमंत्री न बन पाने की संवैधानिक बाध्यता के चलते आपकी पार्टी के नेताओं ने आपके इस तथाकथित ‘त्याग’ को  भी खूब भुनाया।


स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी की अस्थि कलश यात्रा संपूर्ण देश में निकाली गई और आपके पति स्व. श्री राजीव गांधी उस तथाकथित ‘सहानुभूति की लहर’ में रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए थे।
2004 में अटलजी के पराजय के पश्चात अगले 10 वर्षों तक मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री रहे, बल्कि ये कहना ज़्यादा उचित होगा कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद की नौकरी की थी और उसकी असल मालकिन आप ही थीं, ये भी किसी से छिपा नहीं है।
2004 से 2014 के इस कालखंड में सबसे ज़्यादा घोटाले हुए, भीषण आतंकी हमले देश भर में हुए, स्वतंत्रता के बाद से जितने ऋण बाँटे गए थे, उससे कई गुना अधिक ऋण इसी कालखंड में बाँटे गए या बँटवा दिए गए।
इन्हीं ऋणों को लेकर आज अधिकांश बड़े उद्योगपति देश से फरार हो चुके हैं। इन सभी की सम्पत्तियाँ जप्त की जा चुकी हैं, साथ ही वसूली और इन्हें देश में लाये जाने के प्रयास जारी हैं।
जबसे प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सत्ता संभाली है तबसे देश बहुत कुछ ऐसा भी देख रहा है जो उसने पहले कभी देखा सुना नहीं था।
मसलन कुछ बुद्धिजीवियों या कहें कांग्रेस के कृपापात्रों द्वारा असहिष्णुता अभियान चलाया गया, अवॉर्ड वापसी अभियान चलाया गया और ये सभी देश की जनता द्वारा पूर्ण बहुमत से चुने गए एक प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को बदनाम करने और नीचा दिखाने के लिए गया।
2019 का चुनाव आपके सुपुत्र और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी द्वारा रॉफेल के मुद्दे पर लड़ा गया, उनके द्वारा देश के प्रधानमंत्री को चोर तक कहा गया। 
उस प्रधानमंत्री को जिस पर आजतक घोटाले का कोई आरोप तक नहीं लगा है वहीं आप स्वयं और आपके पुत्र नेशनल हेराल्ड मामले में 5000 करोड़ के घोटाले में जमानत पर छूटे हुए आरोपी हैं।
श्री राहुल गांधी द्वारा रॉफेल जहाज़ के रोज़ नए दाम बताए जाते थे, वो इसलिए रोज़ नए दाम बताते थे क्योंकि झूठ के पैर नहीं होते हैं। यहाँ तक कि देश की संसद में भी वो फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात करने जितना बड़ा झूठ तक बिना किसी शर्म और लिहाज़ के बोल गए और देश के प्रधानमंत्री से संसद में गले मिलने जैसी दोयम दर्जे की हरकत तक कर बैठे।
अभी हाल ही में एक पत्रकार द्वारा आपको आपके वास्तविक नाम ‘एंटिनियो मायनो’ पुकारे जाने पर देश भर से उन पर एफआईआर दर्ज कराई गई, उन पर हमला भी हुआ और उनसे घंटों तक पूछताछ करवाई गई।
2019 का चुनाव भी बुरी तरह से हारने के बाद आपकी पार्टी का नेतृत्व एक बार फिर से आपने संभाल लिया है क्योंकि देश भले ही लोकतांत्रिक हो लेकिन आपकी पार्टी आपकी निजी स्वामित्व की है।
ये भी सर्वविदित है कि मई 2014 के बाद से देश में आतंकी हमलों में ज़बरदस्त गिरावट आई है। आतंकी या तो पहले ही पकड़ लिए गए या उनका एनकाउंटर कर दिया गया।
इसके बावजूद देश में दो बड़ी आतंकी घटनाएँ हुई थी। उरी और पुलवामा हमला, इसके बाद देश में आक्रोश फैल गया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को आश्वस्त किया था कि आतंकवादी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं और इसकी सज़ा उन्हें हर हाल में मिलेगी।
सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिये पाकिस्तान को इन आतंकी हमलों की कीमत चुकानी पड़ी थी। लेकिन तब भी देश के साथ खड़े रहने की बजाय श्री राहुल गांधी द्वारा इसे ‘खून की दलाली’ कहा गया था।
कश्मीर से धारा 370 हटाने के पश्चात आपकी पार्टी के नेताओं खासकर श्री राहुल गांधी के बयानों को पाकिस्तान द्वारा कश्मीर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाए जाने के लिए इस्तेमाल किया गया और आज भी किया जा रहा है।
26/11 जैसा भीषण आतंकी हमला देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में केंद्र और महाराष्ट्र में आपकी ही पार्टी की सरकार के होते हुए ही अंजाम दिया गया था।
इतनी बड़ी घटना के बावजूद पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई करना तो दूर इसकी  धमकी तक तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने नहीं दी थी।
सिर्फ कड़ी निंदा और डोज़ियर पे डोज़ियर भेजे जाने का प्रपंच खेला गया। तब तत्कालीन गृहमंत्री शिवराज पाटिल इतने भीषण हमले के बावजूद केवल अपने कपड़े बदलने पर ही ध्यान देते रहे।
सम्पूर्ण विश्व और देश जब कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है तब भी आपकी पार्टी और आपके संपूर्ण परिवार द्वारा घड़ियाली आँसू बहाने के सिवाय कुछ नहीं किया गया। सिर्फ वोटों की ख़ातिर मजदूरों से झूठी हमदर्दी दिखाई गई यही हमदर्दी देश में होते रहे भीषण आतंकी हमलों के समय नदारद थी।
श्री राहुल गांधी द्वारा तो ये तक कहा गया कि ‘आतंकी हमलों को रोका नहीं जा सकता है’ इसे परोक्ष रूप से आतंकियों को हमले करने के लिए उकसाने वाला क्यों न माना जाए?
इसी कोरोना संकट के दौरान जब हमारे पड़ोसी देश चीन द्वारा सीमा पर तनाव की स्थिति उत्पन्न की गई, हमारे जवानों की क्षति हुई और इसके बदले हमारे वीर जवानों ने चीन को कई गुना ज्यादा क्षति पहुँचाई।
ऐसे समय देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा जब सर्वदलीय बैठक बुलाई तब केवल आपने सरकार का या कहें देश का समर्थन करने की बजाय सरकार से चीन के साथ क्या भारत सरकार क्या करने जा रही है इसकी जानकारी माँगने जैसा दुस्साहस तक कर दिया।
ऐसे समय में आपके द्वारा चीन के साथ किये गए एक तथाकथित समझौते की बात भी देश को पहली बार पता चली।
सन 2008 में आपकी पार्टी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पार्टी के साथ किसी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
दो देशों के बीच समझौते होते हुए तो सभी ने देखे है परंतु दो विरोधी देशों के राजनीतिक दलों बीच समझौते का ये संभवतः पहला मामला है।
ये समझौता आपने क्यों किया था, इसमें क्या शर्तें थीं और इसकी आवश्यकता आपको क्यों आन पड़ी थी ये देश जानना चाहता है।
साथ ही देश ये भी जानना चाहता है कि आजतक इस तथाकथित समझौते को गुप्त क्यों रखा गया?


ये देश आपकी जागीर नहीं है और न आप इस देश की महारानी है जो आपके विरुद्ध कुछ भी लिखने, बोलने वालों पर आपकी पार्टी के नेताओं द्वारा आपकी गुलामी करते हुए उन्हें प्रताड़ित किया जाता है या प्रताड़ित करने का प्रयास किया जाता है।
भाजपा वर्षों तक विपक्ष में रही परंतु सत्ता पाने के लिए उसने वो साम दाम दंड भेद कभी नहीं अपनाए थे जो आपकी पार्टी द्वारा बेख़ौफ़ अपनाए जाते रहे हैं।
आज कई पत्रकार, न्यूज़ चैनल, न्यूज़ पोर्टल फेक न्यूज़ फैलाने, भ्रम फैलाने में लगे हैं, ये सब किसके इशारों पर और किसे फायदा पहुँचाने के लिए किया जा रहा है इसे समझना किसी के लिए भी मुश्किल नहीं है।
एक बात आप अपने दिल दिमाग में अच्छे से बिठा लीजिये कि देश का सामान्य नागरिक आपकी इन चालबाज़ियों से परिचित हो चुका है।
देश की अधिकांश संस्थाओं,  योजनाओं के नाम आपके परिवार के नाम पर रख दिये गए हैं जैसे आप इस देश के राजपरिवार हों और यहाँ सामंती प्रथा आज भी कायम हो।
अधिकांश राज्यों में कांग्रेस पार्टी की स्थिति क्षेत्रीय दलों से भी बुरी स्थिति में है।
अपने विरुद्ध तो आपको कुछ भी सुनना गवारा नहीं है परंतु आपके द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था से चुने गए तब गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को स्वयं आपके द्वारा ‘ज़हर की खेती करने वाला, मौत का सौदागर’ कहा गया।
आपकी पार्टी के अनेक नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री श्री मोदी को नपुंसक, चाय बेचने वाला, फेंकू, चोर, खून की दलाली करने वाला तक कहा गया। वीर सावरकर का अपमान किया गया और हाल ही में आपकी पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को गद्दार तक कहा गया।


इन सभी बयानों, हरक़तों पर आपकी चुप्पी ये बताती है कि ये सब आप ही के इशारों पर किया जा रहा है या इसमें आपकी सहमति है।
जबकि पूरा देश जानता है प्रधानमंत्री ने आजतक आपके और आपके सुपुत्र के विरुद्ध एक भी अमर्यादित और अशोभनीय टिप्पणी नहीं की है। 
प्रधानमंत्री अपनी चुनावी सभाओं में राहुलजी को केवल ‘शहज़ादा’ कहते थे तो भी आपकी पार्टी के नेताओं के पेट में मरोड़ें उठ जाती थीं, इसे भी प्रधानमंत्री ने बाद में उपयोग करना बंद कर दिया था।
देश में किसी हिन्दू की हत्या होने पर आपकी पार्टी और आप स्वयं खामोशी की चादर ओढ़कर सो जाते हैं, परंतु किसी अल्पसंख्यक और हिन्दू अगर दलित हो तो आपके अंदर ममता (?) का सैलाब फूट पड़ता है।
अब देश के हालात बदल चुके हैं मैडम, ये सत्तर और अस्सी के दशक का भारत नहीं है।
लिखने को तो और भी बहुत कुछ है परंतु फिलहाल इतना ही।
सरकार तो आपको कोई जानकारी चीन विवाद पर नहीं देगी परंतु आपको ये जवाब अवश्य देना होगा कि आपने चीन के साथ क्या और क्यों समझौता किया था।
आपसे प्रश्न करने की हिमाक़त करता एक सामान्य नागरिक
हर्षल खैरनार

4 COMMENTS

  1. एकदम सही लिखा आने.. भैया… कुछ गलत नही लिखा है…इनसे क्या डरना .. चोरों से गद्दारो से…
    ये चीन से क्या बांड पेपर साइन कर रहा है अपनी वफादारी का, जिसके 10 साल के कालखंड में अनगिनत आतांकि हमले हुवे जिसमे से इस सरकार के अंदर किसी एक का भी जवाब देने की ताकत नही रही, लोन पे लोन बाटे गए जैसे बैंक इनके बाप की बपौती है, इन्ही के कालखंड में हमने पाया कि सोनिया राहुल पे कुछ टिप्पणी करो तो पुलिस उठा ले जाती थी,इन्होंने दस सालों में ना बाग्लादेश से सीमा विवाद सुलझाया, ना चीन से मुद्दा सुलझाया, जब चीन बॉर्डर पे रोड का काम चल रहा था तो इनकी फट के हाथ मे आ गई थी और सेना को पीछे बुलाया गया काम रुकवाया गे क्योंकि चीन ने काम रोकने और सेना को हटाने की धमकी दी थी, जिससे ये फट्टू डर गए और देश नाक कटवा दी, एक रॉड एयरस्ट्रिप, रेलवे का काम इन्होंने बॉर्डर पे नही किया, पहले आतंकवादी पूरे देश मे नंगा नाच करते थे, अभी जैश का आईएम का हर आतांकि और उसका कमांडर कश्मीर में हिबमार गिराया जा रहा है, 10 साल में बड़े बड़े आतांकि घटना हुवे पर इन्होंने पाकिस्तान को जवाब देने के बजाय यूएन में जाकर गिड़गिड़ाना उचित समझा , ये कितने कमजोर डरपोक कायर फट्टू थे इसका अंदाजा हम लगा सकते है, और ये आरोप लगाते है मोदी जी पे , ये भूल गए है पहला स्ट्राइक म्यामार में घुस के मारा, पाकिस्तान को दो बार घुस के मारा, हर आतांकि कश्मीर में मारा जा रहा है , डोकलाम में भारतीय सेना के अदम्य साहस का परिचय प्राप्त हुआ वो इसलिए हवा की देश की बागडोर एक निर्भय निर्भीक निडर शासक मोदी जी के हाथबमे जिनके पास निर्णय लेने कि क्षमता है, जो फिलिस्तीन छोड़कर इजराइल जाते है, देश के प्रधानमंत्री ने 6 सालो में इतना विदेश दौरे किया है की यूएन में जब अस्थाई सदस्यता के वोट पड़े तो 193 देश मे 184 देश भारत के पक्ष में थे। ये है विदेश नीति , तुम कोंगसी सरबजीत को बचा नही सके जबकि तुम्हारे पास भी ऑप्शन था अंतरराष्ट्रीय कोर्ट जाने का , और इन्होंने एक बार मे फैसला लिया कुलभूषण के मामले में और अंतराष्ट्रीय कोर्ट गए उर फैसला पक्ष में लाया। तुमने नीरव को मेहुल को माल्या को जबरन के लोन पे लोन बाते और देश का एनपीए बढ़ा तुम्हारी सरकार गई और ये काम अगली सरकार को करना था तो मोदी सरकार ने वसूली शुरु की तो ये भाग किसी को थोड़ी पता था कि ये भागेगा , फिर भी आज उनकइन्सारी संपत्ति अटैच कर ली गई हैऔर उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया जारी है।

    तुम लोग 60 साल में जितना नुकसान किया उतना तुमने 10 साल के कार्यकाल में कर दिया…

    देश की जनता सब देख रही है, और बोलना शुरू कर दिया इसलिए 44 में घिसक गए… इसलिये राहुल हारा और अगली बार सोनिया चयनाव हारेगी।

  2. Very true. Each word speaks truth of every Indian expressing ego of cheating by this wolf family in the skin of sheep in India. Shame to such Muslim family posing to be Hindu to fool hindus and its nationals.

  3. आपने साहसी खुला पत्र लिख कर देश हित का कार्य किया है इस इटली कांग्रेस की असलियत बता कर देशभक्ति का परिचय दिया है आपको साधुवाद।

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